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डेरा सच्चा सौदा में धूमधाम से मनाया पावन महारहमोकर्म दिवस
जितेन्द्र खुराना,सिरसा, 28 फ़रवरी 2022
डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन महारहमोकर्म (गुरगद्दीनशीनी) दिवस सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर एक बार फिर मानवता को सर्वोपरि रखते हुए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के वचनानुसार लाखों की संख्या में पहुंची साध-संगत ने विश्व शांति के लिए प्राथज़्ना की। वहीं इस अवसर पर करोड़ों लोगों ने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर नामचर्चा का लाभ उठाया। इस अवसर पर मानवता भलाई कार्यों को नई रफ्तार देते हुए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की ओर से अपनी नेक, मेहनत की कमाई में से 138वें मानवता भलाई के तहत गरीब व अनाथ 162 बच्चों को पौष्टिक आहार की किटें दी गईं। इसके साथ ही विभिन्न ब्लॉकों द्वारा आशियाना मुहिम के तहत 10 जरूरतमंद परिवारों को मकानों की चाबियां सौंपी गई। साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के गुरुग्राम पधारने की खुशी में पूरे गुरुग्राम में सफाई महा अभियान चलाने की हाथ उठाकर सहमति जताई।
सोमवार को सुबह 10 बजे पवित्र नारे के रूप में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को पावन महारहमोकर्म दिवस की बधाई के साथ ही भंडारे की नामचर्चा का आगाज हुआ। इसके बाद कविराज भाइयों ने विभिन्न भक्तिमय भजनों के माध्यम से गुरु यश का गुणगान किया। बड़ी-बड़ी स्क्रीनों के माध्यम से पूज्य गुरु जी के रिकॉर्डिड अनमोल वचन चलाए गए। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज का दिन साईं, दाता, रहबर मालिक शाह मस्ताना जी महाराज ने परम पिता शाह सतनाम जी महाराज को अपना रूप बनाया और तभी शाह सतनाम जी दाता रहबर ने ये वचन फरमाये हम थे, हम हैं और हम ही रहेंगे। रूहानियत, सूफियत बहुत गहरी होती है। सूफियत, रूहानियत में ऊँचा दर्जा प्राप्त करना समझो दोनों जहान का गोल्ड मैडल जितना है। ये रूहानियत इतनी गहरी है, जितने अंदर जाते जाओ उतनी गहराई का पता चलता है और उतनी ही आनंद और लज्जतें इंसान को महसूस होती है।
किसी और गहराई में आप जाओगे तो आप को घुटन फील होगी, जिन्दगी का खतरा लगेगा, कम बैक कैसे करेंगे कि मैं इतना गहरा उतर गया हूँ, वापिस ऊपर कैसे आऊंगा, बहुत से डर सताते हैं। पर रूहानियत सूफियत हमारे धर्मों की वाणी जितनी गहराई से उतरती जाती है और हम उसमें उतरते जाते हैं, डर की बात छोड़ोंं हम उडऩे लगते हैं, हम आनंदमय स्थिति में पहुंच जाते हैं और ऐसी खुशियां मिलती है। जिसकी लिख बोलकर कल्पना नहीं की जा सकती। आज का दिन सिखाता है, गुरु शिष्य की मर्यादा, आप को काफी चीजें बताएंगे पर पहले आज जो शिष्य बना और वो शिष्य जो ‘गुरु में समाया या ‘गुरु उसमें समाया उसकी बात सुनाते हैं। आपजी ने फरमाया कि शाह सतनाम जी दाता की। शाह मस्ताना जी रहमोकर्म के मालिक, जब गुरगद्दी पर बिठाना था तो साईं जी ने वचन किये भाई! सबकुछ छोड़कर आश्रम में आ जाओ। आश्रम में आ गए। सेवा करो, सेवा करने लगे। इसके पश्चात पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के मानवता पर किए गए उपकारों को दर्शाती डॉक्यूमेंट्री चलाई गई।
महारहमोकर्म दिवस की इस शुभ वेला पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने अपनी नेक, कड़ी मेहनत की कमाई में से 138वें मानवता भलाई कार्य के तहत 162 गरीब अनाथ बच्चों को पौष्टिक आहार की किटें दी गई। इसके साथ ही आशियाना मुहिम के तहत 10 जरूरतमंद परिवारों को ब्लॉकों द्वारा बनाकर दिए गए मकानों की चाबियां सौंपी गई। इस अवसर पर रूस और यूक्रेन के बीच चल रही भीषण जंग के चलते दुनिया पर मंडरा रहे खतरे को ध्यान में रखते हुए पूज्य गुरु जी के आह्वान पर साध-संगत ने दो मिनट का मौन रखकर व सुमिरन करके भगवान से विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। वहीं साथ ही साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के गुरुग्राम पधारने की खुशी में साध-संगत ने दोनों हाथ उठाकर गुरुग्राम में सफाई महा अभियान चलाने पर सहमति जताई।
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