पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2021 पर विशेष व्याख्यान का आयोजन
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2021 पर विशेष व्याख्यान का आयोजन
रिचा नागपाल,10 दिसंबर, 2021 बठिंडा:
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयूपीबी) के विधि विभाग द्वारा कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2021 के अवसर पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया,जिसमें धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जबलपुर के पूर्व कुलपति प्रो. बलराज चौहान मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का आरंभ विधिक अध्ययन विद्यापीठ के डीन प्रो. तरुण अरोड़ा के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने साझा किया कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2021 के लिए संयुक्त राष्ट्र की थीम ‘असमानताओं को कम करना और मानवाधिकारों को आगे बढ़ाना’ है। तदुपरांत विधि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक चौहान ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया।
अपने संबोधन में प्रो. बलराज चौहान ने कहा कि मानवाधिकारों की अवधारणा वर्ष 539 ईसा पूर्व में सामने आई जब साइरस द ग्रेट ने घोषणा की कि सभी लोगों को अपना धर्म चुनने का अधिकार है। उन्होंने मानवाधिकारों के इतिहास के दौरान हुई विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में बात की और रेखांकित किया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1948में मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर) मानव अधिकारों की यात्रा में मील का पत्थर है क्योंकि इसके सिद्धांतों को विभिन्न देशों के संविधानों में शामिल किया गया है, जिनमें भारत का संविधान भी शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न प्रकार के मानवाधिकारों जैसे आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, नागरिक, राजनीतिक, आदि पर चर्चा की तथा इस बात पर प्रकाश डाला कि मानवाधिकार न केवल एक व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से अपना जीवन जीने के लिए सशक्त बनाते है बल्कि एक समतामूलक समाज के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाते हैं। प्रो. बलराज चौहान ने इस बात पर बल दिया कि मानवाधिकारों की अवधारणा की जड़ें मानवीय गरिमा और सार्वजनिक नैतिकता में हैं, और विधिवेत्ताओं को समाज की भलाई के लिए मानवाधिकारों को समग्र परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए।
अंत में डॉ. पुनीत पाठक ने प्रतिभागियों को एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करने तथा एक समान और समावेशी समाज के निर्माण की दिशा में कार्य करने हेतु प्रेरित करने के लिए सम्मानित वक्ता के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में डॉ. सुखविंदर कौर, शोधार्थियों और विश्वविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया।