पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में ‘नदी को जानो’ विषयक विशेष व्याख्यान आयोजित
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में ‘नदी को जानो’ विषयक विशेष व्याख्यान आयोजित
अशेक वरमा,बठिंडा, नवंबर 29: 2021
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयूपीबी) के एनएसएस सेल द्वारा ‘नदी को जानो’ विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें अखिल भारतीय शिक्षण मंडल के महासचिव श्री उमा शंकर पचौरी मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्री उमा शंकर पचौरी ने जल स्रोतों की बिगड़ती स्थिति पर प्रकाश डाला जो किसी भी क्षेत्र के विकास का मुख्य स्रोत हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि युवाओं को पड़ोस की नहरों/नदियों के बारे में जानकारी होना चाहिए जो कुछ दशक पहले अस्तित्व में थीं लेकिन औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण नष्ट हो गईं या नाले में बदल गईं।
श्री पचौरी ने रिसर्च फॉर रिसर्जन्स फाउंडेशन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली तथा राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए), नई दिल्ली के सहयोग के साथ शुरू किए गए ‘नदी को जानो’ राष्ट्रव्यापी डिजिटल अभियान’के बारे में बात की। इस अभियान में युवा https://conferencebsm.com/nkj पर पंजीकरण करके भारत की प्रमुख नदियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने आस-पास के नदियों के डेटा को तस्वीरों के साथ अपडेट कर सकते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को रिसर्च फॉर रिसर्जन्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘नदी को जानो प्रतियोगिता’ में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया, जिसमें देश के नागरिक 30 नवंबर, 2021 तक भाग ले सकते हैं और एक लाख तक के पुरस्कार जीत सकते हैं। उन्होंने उत्साह से साझा किया कि देश के 29 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों के 2203 संस्थानों के 25 हजार से अधिक छात्रों, शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी अभियान में भाग ले रहे है। उन्होंने प्रतिभागियों से इस पहल में शामिल होने की अपील की।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने रिसर्च फॉर रिसर्जन्स फाउंडेशन द्वारा आरंभ की गई अभिनव पहल की सराहना करते हुए कहा कि ‘नदी को जानो’अभियान निश्चित रूप से नदियों के प्रति जन जागरूकता बढ़ाएगा और युवा शक्ति को पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
कार्यक्रम के आरंभ में एनएसएस समन्वयक डॉ. दीपक कुमार चौहान ने सभी का अभिनंदन करते हुए मुख्य वक्ता का परिचय दिया। अंत में डॉ. ज्योति प्रकाश ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के संकाय, शोधार्थियों और छात्रों ने भाग लिया।